|| श्री सदगुरू साईनाथाय नम: ।।।। ज्ञान – प्रथम: अध्याय || भंडारे के रूप में भी अन्नदान किया जा सकता है।सामूहिक भंडारा कोई भी, कभी भी, अपनी इच्छा से कर सकता है।घर, जमीन, मकान, दुकान, संपत्ति, अनेक प्रतिष्ठान होने पर, अनुकूल समय चलने पर,मनवांछित इच्छा पूरी होने पर एक हजार व्यक्तियों को अन्नदान करें, या…