धन्य धन्य है गुरु पुर्णिमा का पर्व ।
सभी गुरु महानो को अभिनन्दन समर्पित करने का पर्व ।
करते हैं सभी महापुरुषों को वन्दना एवं आराधना ।
उनमे हम है करते साई की उपासना ।
सदगुरु साईं का प्यार अपरमपार ।
मिलता ज्ञान का अमृत, जो भक्त आते उसके द्वार ।
मांगने से पहले देता है ।
कृपा से झोली भर देता है ।
साईं मेहमान बनके शिर्डी मे आया ।
वो भगवान ही इंसान के रूप में आया ।
श्रद्धा सबुरी का पाठ पढ़ाया ।
सबके मन में एकता का भाव जगाया ।
सदगुरु साईं तेरे चरणों को सब गुरु महानो का समझकर,
इस गुरु पुर्णिमा के अवसर पर
कोटि कोटि वन्दन करतें हैं अपना शीष झुकाकर ।
© ✍ टिआर. माधवन. (15/07/2019)