श्री साई दासगणु गुरू चरणों में अर्पण

साईं छवि को सीने से लगा रखा हैसाईं छवि को सीने से लगा रखा हैसाईं छवि को सीने से लगा रखा हैदासगणु ने साई की असीम कृपा को पा रखा हैसाई छवि को सीने से लगा रखा है | गणु की किस्मत की लकीरों को सजाया साईं नेगणु की किस्मत की लकीरों को सजाया साईं…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 15

सभी भक्तों को गूरू पुर्णिमापर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। || श्री सदगुरू साईनाथाय नमःअथ श्री साईं ज्ञानेश्वरी नवम्‌ अध्याय: ||श्री साई ज्ञानेश्वरी’ का नवम्‌ अध्याय ‘फलश्रुति’ है। श्री साई ज्ञानेश्वरी’ श्री साई की प्रेरणा से रचित है,इस ग्रंथ के पढ़ने से श्री साईं का चित्र आँखों के सामने उभरता है।ग्रंथ का श्रद्धापूर्वक पारायण करने परयह मनवांछित…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 14

|| श्री सदगुरू साईनाथाय नमःअथ श्री साई ज्ञानेश्वरी अष्टम: अध्याय ||श्री साई ज्ञानेश्वरी’ का आठवाँ अध्याय “अर्चना, प्रार्थना एवं विनती’ है। व्यक्ति जब श्री साई के अनन्त ऐश्वर्य का अनुभव करता हैतो उसकी आँखें प्रेम के आँसुओं से छलक उठती हैं,वह भक्ति-भाव के साथ श्री साईं की अर्चना में संलग्न हो जाता है।उसके मन में…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 13

|| श्री सदगुरू साईनाथाय नमःअथ श्री साई ज्ञानेश्वरी सप्तम: अध्याय ||‘श्री साई ज्ञानेश्वरी’ का सातवाँ अध्याय “श्री साई का ऐश्वर्य’ है। श्री साई ने सगुण रूप में अवतार लेकरमानवता के हित के लिए जो कार्य किया,वह किसी सामान्य व्यक्ति के वश की बात नहीं।उसे सिर्फ वही कर सकता हैजिसमें अनन्त शक्ति हो, दिव्य क्षमता हो।…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 12

श्री सदगुरू साईनाथाय नमः |अथ श्री साईं ज्ञानेश्वरी षष्ठम्‌ अध्याय ||श्री साई ज्ञानेश्वरी का छठा अध्याय “ईश्वर का ऐश्वर्य’ है। वह जो सम्पूर्ण शक्ति, सम्पूर्ण यश, सम्पूर्ण धन, सम्पूर्ण ज्ञान, सम्पूर्ण सौन्दर्य एवं सम्पूर्ण त्यागआदि छ: प्रकार के ऐश्वर्य से पूर्ण है, वह ईश्वर है। ईश्वर के पास क्‍या नहीं है?सबका सृजनकर्ता तो वही है।ईश्वर…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 11

श्री सदगुरू साईनाथाय नमःअथ श्री साई ज्ञानेश्वरी पंचम: अध्याय: | | श्री साई ज्ञानेश्वरी का पंचम अध्याय ‘भगवदप्राप्ति’ है।भगवद्‌प्राप्ति का अभिप्राय है—आत्मा में परम-तत्व का अनुभव करना |यह असीम भगवद्भक्ति का फल है। भगवद्प्राप्ति कठिन है, असंभव नहीं |सद्‌गुरू भगवद्प्राप्ति की युक्ति जानते हैं,वे सिर्फ योग्य भक्त को इसका तरीका बताते हैं।सद्गुरू के आशीर्वाद से…

श्री दासगणु महाराज कि रचना – गुरुपठ अभंग

गुरुपाठ के भजन – हिन्दी अनुवाद अनुवादक – श्रीमती नम्रता बडगे – श्री टिआर माधवन ऊँ साईराम। मैं नम्रता बडगे और श्री टिआर माधवनजी ने मिलकर श्री दासगणु महाराज कि मुल मराठी रचना गुरुपाठ अभंग ओवियोँ को हिन्दी में अनुवाद किया है। साई भक्तों से कासकर जो मराठी भाषा जानते हैं निवेदन है कि इन…

श्री साई ज्ञानेश्वरी – भाग 10

।| श्री सदगुरू साईनाथाय नमःअथ श्री साई ज्ञानेश्वरी चतुर्थ अध्याय: | ।श्री साई ज्ञानेश्वरी का चतुर्थ अध्याय ‘भगवद्भक्ति’ है। ईश्वर के प्रति झुकाव एवं मन में ईश्वर के प्रति लगाव पैदा होना ही भगवद्भक्ति’ है।इस अध्याय में श्री साई के साथ उनके भक्तों के चार संवाद हैं ।श्री साई ने बताया है कि शुद्ध भक्ति…